पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम
बाबा कांशीराम स्वतंत्रता सेनानी तथा क्रांतिकारी साहित्यकार थे, उन्हें ‘पहाड़ी गांधी’ के नाम से जाना जाता है.बाबा कांशी राम का जन्म 11 जुलाई 1882 को डाडासीबा के गुरनबाड़ को हुआ था। उनके पिता का नाम लखनु राम और माता का नाम रेवती देवी था। सात वर्ष की आयु में उनका विवाह सरस्वती देवी से हुआ। किन्तु उन्होने शिक्षा नहीं छोड़ी और अपने गाँवं में ही अपनी पूरी शिक्षा ली। कुछ ही दिनों बाद उनके माता-पिता का भी देहान्त हो गया। इसके बाद काम की तलाश में वे लाहौर आ गए। यहीँ उनकी भेंट लाला लाजपत राय, लाला हरदयाल, सरदार अजित सिंह, तथा मौलवी बर्कतुल्ला जैसे क्रान्तिकारियों से हुई। 1919 में जब जालियांवाला बाग हत्याकांड हुआ, कांशीराम उस वक्त अमृतसर में थे. यहां ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कसम खाने वाले कांशीराम को 5 मई 1920 को लाला लाजपत राय के साथ दो साल के लिए धर्मशाला जेल में डाल दिया गया. इस दौरान उन्होंने कई कविताएं और कहानियां लिखीं. खास बात ये कि उनकी सारी रचनाएं पहाड़ी भाषा में थीं. सजा खत्म होते ही कांगड़ा में अपने गांव पहुंचे और यहां से उन्होंने घूम-घूम कर अपनी देशभक्ति की कविताओं स